“आपोसअस्मान मातर : शुन्धयन्तु घृतेन नो घृतप्व : पुनन्तु I
विश्व हि रिप्रं प्रवहन्ति देवीरूदिदाभ्य: शुचिरा पूतसऐमी I
दीक्षतपसोस्तनूररसि तं त्वा शिवा शरमां परिदधे भद्र वर्णम पुष्यन I ”
II यजुर्वेद, ४, २ II
यजुर्वेद में कहा गया हैं कि मनुष्य को सब सुखों को देने वाला, प्राणो को धारण करने वाला तथा माता के समान, पालन-पोषण करने वाला जो जल हैं, उससे शुचिता को प्राप्त कर जल का शोधन करने के पश्चात ही उसका उपयोग करना चाहिए, जिससे देह को सुन्दर वर्ण, रोग-मुक्त देह प्राप्त कर, अनवरत उपक्रम सहित, धार्मिक अनुष्ठान करते हुए, अपने पुरूषार्थ से आनंद कि प्राप्ति हो सके I
वैदिक ऋषियों ने वैज्ञानिको कि तरह जल एवं वायु को प्रदूषण-मुक्त करने कि प्राप्त कही यजुर्वेद मैं उन्होंने यह परामर्श भी दिया कि हम वर्षा-जल को भी वर्षा जल को भी किस प्रकार औषधीय गुणों से परिपूर्ण कर सकते हैं इसी उद्देशय को चरितार्थ करने के लिए नौला फाउंडेशन कि स्थापना हुई I
जल सरंक्षण एवं वृक्षारोपण अभियान को फिर से जीवंत करने के इस सामाजिक भलाई के कार्य के लिए नौला फाउंडेशन की पूरी टीम को बधाई देता हूं पूरी दुनिया में आपके द्वारा किये गए प्रयासो की एक दिन सराहना होगी I पानी हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा हैं पानी के बिना हम जी नहीं सकते, लेकिन आजकल हमने देखा हैं कि लोगों को जल समस्या के बारे में परवाह हैं लेकिन फिर भी पृथ्वी पर कई जगहे हैं जहा लोग पेयजल भी ले सकते नहीं ले सकते हैं I उत्तराखंड में नौला फाउंडेशन द्वारा भूजल स्तर के साथ-साथ सभी प्राकृतिक जल संसाधनों को पुनर्स्थापित, सरंक्षित, पुनर्जीवित किया जायेगा एवं वहा होने वाले वृक्षों को लगाया जायेगा ताकि इससे स्वस्थ जंगल बनाया जा सके और भूजल को रिचार्ज किया जा सके I
जल की महत्ता के सन्दर्भ में मैं इतना ही कहना चाहता हूँ कि “जल हैं तो कल हैं” इस बात को हमारे पूर्वज, भली भाती जानते थे और यही कारण हैं कि उन्होंने जल कि महिमा का बखान विविध ग्रंथो मैं किया हैं हमें जल बचाने का उपक्रम शीघ्रातिशीघ्र करना चाहिए क्योकि यह वर्तमान कि ज्वलंत समस्या हैं जल के महत्व को समझ कर सावधानी पूर्वक उसका उपयोग करना चाहिए ताकि हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए जल बचाकर रखे, जैसे हमारे पूर्वज हमारे लिए जल का विशाल भंडार छोड़ कर गए थे I
श्रीमान बिशन सिंह जी द्वारा किया गया प्रयास एक दिन अवस्य रंग लाएगा यह मुझे पूर्ण विश्वास हैं I
रमेश कांडपाल
वरिष्ट प्रशिक्षक
अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास
नई दिल्ली